Uzma ahmed ,kaun hai

Uzma ahmed, jo the diplomat मूवी की वजह फिर से चर्चा में है  कैसे बची एक पाकिस्तानी के चंगुल से , कौन है जेपी सिंह जो उजमा अहमद को बचाने में सबसे मुख्य भूमिका निभाए, जॉन अब्राम  मूवी में इन्हीं का रोल कर रहे है  आइए जानते है पूरी कहानी।

 Uzma ahmed :

Uzma 3

Uzma ahmed जो कि एक भारतीय  नागरिक है। वह किसी काम से मलेशिया गई थी  वहां उनकी मुलाकात ताहिर अली  से होती है जो कि एक पाकिस्तान नागरिक होता है । कुछ दिनों में Uzma ahmed और ताहिर अली के बीच जन पहचाना हो जाती   ये पूरी स्टोरी उजमा अहमद ने मिनिस्ट्री ऑफ external अफेयर के सदस्यों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया।  उजमा बताती है कि सिर्फ  पाकिस्तान तीन या चार दिन के लिए गई थी  , लेकिन उन्हें क्या पता वहां उनके साथ क्या होने वाला था । ताहिर अली  ने ही उजमा को पाकिस्तान बुलाया था , जब  uzma ahmed बाघा बॉर्डर को पर करती है तभी उन्हें लगता कि उन्हें कोई इंजेक्शन इंजेक्ट कर दिया गया , और जब उनकी आंखे खुली तो वह समझ नहीं पा रही थीं वह कहा आ गई है ,ताहिर अली उन्हें जहां ले गया था उस जगह का नाम बुनेर था

Uzma ahmed जब बुनेर में थी तो क्या हुआ उनके साथ।

उजमा अहमद बताती है जब वह बुनेर में पहुंची तो उन्हें तो समझ में नहीं आ रहा था कि वाज कहा आ गई है । वह ले जाने के बाद उन्हें जबरदस्ती निकाह करने के लिए फोर्स करता था और उन्हें बहोत ही टॉर्चर किया जाता था ,और धमकी दी जाती थी कि अगर वह निकाह नहीं करती है तो दिल्ली में उसके लोग है, वह लोग उनकी बेटी को मार देंगे जिसके कारण उन्हें निकाह के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करना पड़ा।  uzma ahmed ने बताया कि वहां पर उनकी जैसी बहोत सारी लड़कियां फंसी हुई है।और जो लड़कियां मुस्लिम है और शादी कर के वह गई है वह भी परेशान है ,जो मुस्लिम है वे सोचते होंगे कि पाकिस्तान बहोत अच्छा है पर मैं सच बताऊं तो पाकिस्तान नरक है वहां जाना आसान है पर निकलना उतना हो मुश्किल, हर घर में तीन, चार बीवियां है हर घर में बंदूक है , वहां हमेशा कही न कही फायरिंग होती रहती थी  

भारतीय दूतावास और जेपी सिंह की भूमिका ।

सुषमा स्वराज और उजमा अहमद

Uzma ahmed किसी तरह भारतीय दूतावास तक ताहिर अली को समझा कर किसी बहाने वहां पहुंची और दूतावास की विंडो के रास्ते बोला कि मैं इंडिया से हूं । जेपी सिंह ने उन्हें तुरंत अंदर बुलाया उजमा अहमद बताती है कि । जेपी सिंह सर ने एक बार भी नहीं सोचा और की कौन है क्या काम है तुरंत अंदर बुला लिया ।  फिर उन्होंने पूरी बात बताई और कहा कि मुझे अब उसके साथ वापस नहीं जाना है अगर मुझे उसके उसके साथ भेजा गया तो मैं यही खुदकुशी कर लूंगी । फिर जेपी सर ने कहा कि वह किसी भी तरह तुम्हारी पूरी मदद करेंगे और वापस नहीं जाने देंगे चाहे हो करना पड़े  उसके बाद जेपी सिंह सर ने तुरंत सुषमा स्वराज को जो उस समय विदेश मंत्री थी उनको फोन लगाया और सारी बात बताई सुषमा मैम ने कहा कि वाज भारत की बेटी है उसे कहे एक साल दो साल तक रखना पड़े हम रखेंगे लेकिन उसे ताहिर के पास नहीं जाने देंगे ।

  • जेपी सर ने उसी रात को ही एक वकील से बात की और कोर्ट में एक पेटीशन दायर की
  • क्योंकि  ताहिर ने भी केस फाइल कर दिया था

जेपी सर ने बताया कि वहां के विदेश मंत्रालय तथा वहां के डिप्लोमेट ने उनकी बहोत ही मदद की  थी उन्होंने ही बताया और रास्ता बताया ।

सुषमा स्वराज  :

इस पूरे मामले को पूरी तरह से सुलझाने में सुषमा स्वराज का भी बहोत बड़ा योगदान था सुषमा स्वराज मैम हर दूसरे तीसरे दिन काल करके uzma ahmed से बात करती थी और पूरी तरह से आश्वासन देती थी कि तुम्हे हम किसी भी तरह से वहां से निकाल कर लाएंगे।

सुषमा स्वराज मैम ने वहां के वकील बैरिस्टर शाहनवाज नूर को भी धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने ही उजमा का केस लड़ा और वहां के जज को जिन्होंने इस केस को अच्छे से समझा और सही फैसला ले कर उजमा की मदद की

Uzma ahmed ने क्या कहा भारत आ कर ।

उजमा अहमद जब भारत के बाघा बॉर्डर को पार किया और भारत आई तो उन्होंने भारत की मिट्टी की माथे पर लगाया और उसे चूमा । Uzma ahmed ने कहा कि मैने मलेशिया,पेरिस , जैसे जगहों पर गई हु पर भारत जैसा कोई देश नहीं है यह जितनी आज़ादी है उतना कही नहीं है मुझे गर्व है कि मैं एक भारतीय हूं और एक भारतीय नागरिक हु उन्होंने कहा कि मैं तो किसी को पाकिस्तान जाने को नहीं कहूंगी मै भारतीय दूतावास और जेपी सिंह सर, सुषमा स्वराज मैम,और वहां के सभी लोगों का धन्यवाद करती हु जिन्होंने मेरे लिए इतना किया   ये वह ये पूरा इंटव्यू 

 

 

 

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